Bihar Board Class 6 Hindi Kisalya Solutions Chapter 17 फसलों के त्योहार Text Book Questions and Answers and Summary
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 17 फसलों के त्योहार
प्रश्न और अभ्यास : प्रश्नोत्तर
पाठ से :
"अप्पी दिदिया बुरी फँसी।" कैसे ?
उत्तर - अप्पी दिदिया फरमाइशी नाश्ता करती थी। उन्हें न तो चूड़ा दही पसंद है और न ही खिचड़ी। लेकिन मकर संक्रांति के कारण उन्हें चूड़ा दही एवं खिचड़ी खाना मजबूरी हो गई क्योंकि इस पर्व के कारण फरमाइशी नाश्ता संभव नहीं था। उनकी ऐसी आदत के कारण कहना पड़ा-"अप्पी दिदिया बुरी फँसी ।"
संथाल के लोग सरहुल कब और कैसे मनाते हैं ?
उत्तर- संथाल के लोग सरहुल फरवरी-मार्च में विशेष उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन विशेष रूप से 'साल' के पेड़ की पूजा की जाती है। इसी समय साल के पेड़ों में फूल आने लगते हैं। स्त्री-पुरुष दोनों ही ढोलमँजीरे लेकर रात भर नाचते-गाते हैं । लिपे-पुते, ढंग से बुहारे तथा सजाए गए अपने घरों के सामने एक पंक्ति में लोग एक-दूसरे की कमर में बाँहें डालकर नृत्य करते हैं। अगले दिन वे नृत्य करते हुए घर-घर जाकर फूलों के पौधे लगाते हैं। फिर वे घर-घर से मुर्गा, चावल और मिश्री चंदा में माँगते हैं। इसके बाद खाने-पीने और खेलों का दौर चलता है। तीसरे दिन पूजा होती है और लोग अपने कानों में सरई का फूल पहनते हैं।
आपके यहाँ फसलों के त्योहार को किस नाम से जाना जाता है और कैसे मनाया जाता है ?
उत्तर- हमारे यहाँ फसलों के त्योहार को मकर संक्रांति या तिल संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग तिल से बनी वस्तुएँ खाते हैं तथा तिल दान करते हैं। इस पर्व के अवसर पर नूड़ा-दही एवं खिचड़ी खाया तथा खिलाया जाता है। कुछ लोग पतंग उड़ाते हैं तो कुछ नाव पर बैठकर गंगा की सैर करते हैं ।
मकर संक्रांति के दिन तिल को किस रूप में प्रयोग करते हैं?
उत्तर – मकर संक्रांति के दिन पानी में तिल डालकर स्नान किया जाता है, तिल का दान किया जाता है, आग में तिल डाला जाता है तथा अनेक प्रकार की तिल की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं।
प्रश्न 5. स्तंभ 'क' में त्योहारों के नाम दिए गए हैं, जिसे स्तंभ
'ख' में दिए गए राज्यों के नाम से मिलान करें:
'क' — 'ख'
बीहू - पंजाब
पोंगल - झारखण्ड
ओणम - असम
मकर संक्रांति - केरल
लोहरी - गुजरात
सरहुल - बिहार
पतंग पर्व - तमिलनाडु
उत्तर :
'क' — 'ख'
बीहू - असम
पोंगल - तमिलनाडु
ओणम - केरल
मकर संक्रांति - बिहार
लोहरी - पंजाब
सरहुल - झारखण्ड
पतंग पर्व - गुजरात
प्रश्न 6. इन वाक्यों के आगे सही (✓) या गलत (x) का निशान लगाएँ ।
(क) तिलकुट गया से आया था।
(ख) भारत में फसलों का त्योहार अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है।
(ग) सरहुल का जश्न चार दिनों तक चलता है।
(घ) पोंगल पर्व में 'साल' के पेड़ की पूजा की जाती है।
उत्तर- (क) और (ग) के आगे सही (✓) का निशान तथा (ख) और (घ) के आगे गलत (x) का निशान लगाएँ ।
पाठ से आगे :
इसके अतिरिक्त आपको कौन-सा त्योहार / पर्व अच्छा
लगता है ? इस त्योहार / पर्व को आप कैसे मनाते हैं?
उत्तर- सकेत : छात्र अपने प्रिय त्योहार / पर्व के मनाए जाने के सम्बन्ध में स्वयं लिखें ।
प्रश्न 2. हिन्दी महीनों के नाम लिखें तथा उस महीने में मनाए जाने वाले पर्वों का उल्लेख करें ।
उदाहरण: चैत्र = रामनवमी
उत्तर :वैशाख = सत्तू संक्रान्ति
ज्येष्ठ = x
आषाढ़ = x
श्रावण = रक्षाबन्धन
भाद्रपद = श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
आश्विन = शारदीय नवरात्र (दशहरा)
कार्तिक = दीपावली, षष्ठी (छठ) व्रत
मार्गशीर्ष = x
पौष = x
माघ = मकर संक्रान्ति, वसंत पंचमी
फाल्गुन = होली
प्रश्न 3. निम्नांकित पंक्तियाँ भोजपुरी भाषा में लिखी गई है। इन पंक्तियों को आप अपनी मातृभाषा में लिखें :
(क) “आज ई लोग के उठे के नइखे का ? बोल जल्दी तैयार
होखस ।"
(ख) "जा भाग के देख, केरा के पत्ता आईल कि ना?"
उत्तर : (क) आज इन लोगों को उठना नहीं है क्या ? बोलो, जल्दी तैयार हो जाएँ ।
(ख) जाओ, भागकर देखो, केला का पत्ता आया है या नहीं ?
व्याकरण :
प्रश्न 1. नीचे दिए गए शब्दों की ध्वनि के आधार पर तीन-तीन
शब्द लिखें :
उत्तर : भाग्यशाली शक्तिशाली समृद्धशाली
बुराई कड़ाई पढ़ाई
गाड़ीवान पहलवान कोचवान
पाठशाला व्यायामशाला नृत्यशाला
मचिया खटिया डिबिया
प्रश्न 2. इन शब्द समूहों को वाक्य से स्पष्ट करें।
उत्तर :
तिल-तिल जलना = वह तिल-तिल जलकर कष्ट सहता रहा, पर उसने किसी के सामने अपना मुँह नहीं खोला ।
तिल रखने की जगह = उस घर में इतनी भीड़ थी कि वहाँ तिल रखने की भी जगह नहीं थी ।
तिल का ताड़ करना = छोटी-सी बात को भी क्यों तिल का ताड़ कर रहे हो ?
तिलमिलाना = मेरी सच्ची बात सुनकर वह तिलमिला उठा ।
तिल दान करना = तिल दान करने से शनि महाराज प्रसन्न
होते हैं।
कुछ करने को :
प्रश्न 1. आपके यहाँ किन-किन त्योहारों/अवसरों पर किस-किस तरह के गीत गाये जाते है ? कोई गीत कक्षा में सुनाएँ ।
उत्तर- संकेत : होली एवं छठ पूजा के अवसरों पर गाए जानेवाले गीत छात्र कक्षा में सुनाएँ ।