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Vartman Bhag 1 Book
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Chapter 7 प्रारंभिक राज्य Pdf, These solutions are solved
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Bihar Board Class 6 Atit Se Vartman Chapter 7 Prarambhik Rajya Questions and Answers
अभ्यास : पाठ्यपुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर
■ आइए याद करें:
1. दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
(क) महाजनपदों का विवरण प्राप्त होता है :
(i) ऋग्वेद
(ii) बौद्ध एवं जैन ग्रंथ
(iii) चित्रित घूसर पात्र
(iv) ब्राह्मण ग्रंथ
(ख) कौन-सा महाजनपद बिहार में स्थित है ?
(i) अंग
(ii) कोशल
(iii) कौशाम्बी
(iv) अवन्ति
(ग) राजा भूमि की उपज का कितना हिस्सा प्राप्त करता था ?
(i) छठा
(ii) सातवां
(iii) पांचवां
(iv) चौथा
(घ) मगध के शासक अजातशत्रु की राजधानी कहाँ थी ?
(i) पाटलिपुत्र
(ii) गया
(iii) वैशाली
(iv) राजगृह
(ङ) निम्नलिखित में से कौन गणराज्य था ?
(i) मगध
(ii) कोशल
(iii) वत्स
(iv) लिच्छवी
उत्तर – (क) (ii), (ख) (i), (ग) (i), (घ) (iv), (ङ) (iv).
2. खाली स्थान को भरें :
(क) अवन्ति का राजा….था।
(ख) वज्जि संघ की राजधानी….था।
(ग) पाटलिग्राम की स्थापना…..ने की ।
(घ) नन्दवंश के शासक…..के समय सिकन्दर का भारत पर
आक्रमण हुआ ।
(ङ) लिच्छवी……संघ का एक गण था।
उत्तर – (क) चंडप्रद्योत महासेन, (ख) वैशाली, (ग) उदयिन, (घ) धनानंद, (ङ) वज्जि ।
3. आइए चर्चा करें:
प्रश्न (क) राजा को कर की क्यों आवश्यकता पड़ी? उस काल में कौन-कौन लोग कर चुकाते थे ?
उत्तर – राजा को कर की आवश्यकता इसलिए हुई, क्योंकि राजकाज के खर्च के लिए कर लगाकर ही राजा धन वसूल करता था । किसी भी राज्य की उन्नति, खुशहाली और सुरक्षा के लिए करों का विशेष महत्त्व होता है । धन के बिना कोई भी राज-कार्य नहीं चल सकता है। धन के बिना कोई योजना सफल नहीं हो सकती है। सेना का आवश्यक खर्च भी धन से ही पूरा किया जा सकता है। इस तरह राजा को खर्च के लिए सारा धन करों से ही प्राप्त होता था । महाजनपद काल में किसान, व्यापारी, शिल्पी, पशुपालक, आखेटक आदि राजा को कर चुकाते थे ।
प्रश्न (ख) महाजनपदों के राजा अपनी राजधानी को क्यों किलाबंदी करते थे ?
उत्तर – महाजनपद की राजधानियाँ प्रशासन का केन्द्र थीं । राजधानी में राजा, सेना एवं राजा के कर्मचारी निवास करते थे । ये सभी महाजनपद के सबसे महत्वपूर्ण लोग होते थे जिन्हें शत्रु-जनपद से सुरक्षा की आवश्यकता थी । अतः महाजनपदों के राजा अपनी राजधानी को किलाबंदी करते थे।
प्रश्न (ग) मगध के उत्थान में प्राकृतिक संसाधनों की मुख्य भूमिका थी ।
उत्तर – मगध के उत्थान में निम्नलिखित प्राकृतिक संसाधनों की मुख्य भूमिका थी :
1. मगध के निकटवर्ती क्षेत्र में पाई जानेवाली खानों से प्राप्त लोहे अच्छे हथियारों के निर्माण में सहायक थे।
2. मगध की उर्वरा मिट्टी से कृषि की समृद्धि एवं संपन्नता के कारण शासक वर्ग के लिए आर्थिक संसाधनों की प्राप्ति आसान थी ।
3. मगध के जंगलों में प्रचुर संख्या में हाथी उपलब्ध थे जिसके कारण शत्रु राज्यों पर विजय प्राप्त करना आसान था ।
4. मगध की दोनों राजधानियाँ राजगीर पहाड़ियों से और पाटलिपुत्र नदियों से घिरे होने से सुरक्षित थीं ।
5. गंगा नदी एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग था । इससे राज्य के आर्थिक संसाधनों में वृद्धि हुई।
प्रश्न (घ) द्वितीय नगरीकरण के विकास पर चर्चा करें ।
उत्तर – सिंधु घाटी सभ्यतावाली प्रथम नगरीकरण के लुप्त हो जाने के बाद लगभग 600 ई. पू. में उत्तर भारत में द्वितीय नगरीकरण के विकास के प्रमाण पालि ग्रंथों में मिलते हैं। लगभग 62 नगरों के प्रमाण मिलते हैं, जिनमें वाराणसी (काशी), वैशाली, चम्पा, राजगृह (राजगीर), कुशीनगर (कसया), कौशाम्बी, श्रावस्ती, पाटलिग्राम (पटना) आदि नगर प्रमुख थे। आर्थिक, धार्मिक और राजनैतिक कारणों से इन नगरों का विकास हुआ, लेकिन धीरे-धीरे । नगरों में शासक अर्थात राजा, राजपदाधिकारी और सैनिकों की प्रधानता थी। नगरों में उपयोगी वस्तुओं का उत्पादन होता था, जिन्हें शिल्पी और कारीगर पूरा करते थे । पुरोहित, व्यापारी, शिल्पकार, मजदूर, सेवक और दासों के मुहल्ले अलग-अलग होते थे ।
4. आओ करके देखें :
प्रश्न (क) प्रश्न 1 के आधार पर यह पता लगायें कि आज लोग किन-किन करों को चुकाते हैं?
उत्तर – आज लोग सरकार को निम्न करों को चुकाते हैं—
(1) आय कर, (2) बिक्री कर, (3) आयात कर, (4) निर्यात कर, (5) उत्पाद कर, (6) उत्पादन कर, (7) मकान कर, (8) पेशा कर, (9) जल कर, (10) वाहन कर, ( 11 ) सेवा कर,आदि ।
प्रश्न (ख) गणराज्यों के शासन में लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती थी । आज के प्रजातंत्र में लोगों की भूमिका से इसकी तुलना करें ?
उत्तर – यह बात सही है कि पहले "गणराज्यों में लोकमत की प्रवृत्ति दिखाई देती है।" यह कथन आज भी सही है । आज लोकतंत्र है। किसी भी प्रकार का कानून यदि आज बनाना है तो उसे लोकसभा में पारित करना होता है, उस पर विचार-विमर्श होता है और बहुमत के आधार पर कानून
का निर्माण होता है। आज बदली हुई परिस्थितियों में विधान सभा जो राज्य के लिए कानून बनाती हैं, इसमें भी बहुमत के द्वारा कानून बनता है। पहले भी राजाओं की एक सभा होती थी और विचार-विमर्श के बाद किसी मुद्दे पर फैसला लिया जाता था। इस प्रकार हम कहते हैं कि पहले गणराज्यों में लोकमत की प्रवृत्ति थी ।