Bihar Board Class 6 Hindi Kisalya Solutions Chapter 19 बसंती हवा Text Book Questions and Answers and Summary
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 19 बसंती हवा
19. बसंती हवा
– केदारनाथ अग्रवाल
प्रश्न और अभ्यास : प्रश्नोत्तर
पाठ से :
बसंती हवा ने अपने आपको दूसरे मुसाफिरों से अलग क्यों बताया ?
उत्तर - बसंती हवा ने अपने आपको दूसरे मुसाफिरों से अलग इसलिए बताया क्योंकि वह अपने को चंचल, अलमस्त और मस्तमौला बताती है। उसने अपने आप को निडर, बाबली, जहाँ-तहाँ घूमने वाली और अनोखी बताया है। उसका कहीं घर-बार नहीं है और वह सदा घूमती रहती है। वह दूसरे मुसाफिरों से अलग इसलिए है क्योंकि वह 'अजब मुसाफिर' है।
इस पाठ में कवि ने खेत-खलिहानों के हँसने की बात कही है। ऐसा उन्होंने क्यों कहा?
उत्तर - इस पाठ में कवि ने खेत-खलिहानों के हँसने की बात इसलिए कही है क्योंकि बसन्ती हवा के चलने पर सारी प्रकृति प्रसन्नता से झूम उठती है। बसंती हवा के चलने से सभी दिशाएँ, लहलहाते हरे-भरे खेत-खलिहानों में एक विशेष उल्लास छा जाता है।
'बसंती हवा' का कौन-सा अंश आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करता है ?
उत्तर - 'बसंती हवा' का निम्नलिखित अंश मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित करता है:
मुसाफिर अजब हूँ,
न घर-बार मेरा, न उद्देश्य मेरा,
न इच्छा किसी की, न आशा किसी की,
न प्रेमी, न दुश्मन,
जिधर चाहती हूँ, उधर घूमती हूँ ।
हवा हूँ, हवा मैं, बसंती हवा हूँ ।
पाठ से आगे :
वसंत का आगमन कब होता है? इस ऋतु में आप कैसा अनुभव करते हैं?
उत्तर – शिशिर ऋतु की समाप्ति के बाद वसंत का आगमन होता है । वसंत के आगमन से जाड़े का प्रकोप समाप्त हो जाता है। न अधिक जाड़ा. पड़ता है, न अधिक गर्मी पड़ती है। पेड़-पौधे फूलों से लद जाते हैं जिससे सारी प्रकृति हँसती-सी जान पड़ती है। इस ऋतु में मैं प्रसन्नता और मस्ती का अनुभव करता हूँ ।
इस पाठ को पढ़ने के बाद हवा के प्रति आपके मन में किस प्रकार के भाव उठते हैं?
उत्तर – हवा सभी जीव-जन्तुओं को जीवन देती है, प्रसन्नता प्रदान करती है। इस पाठ को पढ़ने के बाद हमारे मन में यही भाव उठते हैं कि यदि हवा न होती, तो हमारे जीवन में मस्ती नहीं आती।
प्रश्न 3. सरस्वती पूजा को वसंत पंचमी के नाम से भी जानते हैं । सरस्वती पूजा पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर – माँ सरस्वती विद्या, ज्ञान और कला की देवी हैं। हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे हमें अन्धकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले चलें । इस पर्व को 'वसन्तोत्सव', 'वसंतपंचमी', 'श्रीपंचमी' भी कहा जाता है, क्योंकि इसी पर्व के साथ वसन्त का शुभागमन माना जाता है। मानव माँ सरस्वती की कृपा से ही ज्ञान प्राप्त कर सकता है। इस पर्व को मूल रूप से शिक्षार्थी बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं। इस अवसर पर पाठशाला, विद्यालय और महाविद्यालय एवं उनके छात्रावास रंग-बिरंगी पताकाओं से सजा दिये जाते हैं। सभी छात्र धूम-धाम से पाता सरस्वती की मूर्ति की स्थापना कर पूजा-अर्चना करते हैं। आगे प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चलता है। दूसरे दिन माता सरस्वती की प्रतिमा का विसर्जन निकट की नदी या तालाब में कर दिया जाता है। देवी सरस्वती गीत-नृत्य, गाजे-बाजे आदि से नहीं रीझती हैं, वे तो आत्मा की शुद्धता पर रीझती हैं। अतः माता सरस्वती की पूजा शुद्ध हृदय से की जानी चाहिए।
व्याकरण :
प्रश्न 1. नीचे दिए गए पद्यांश में विशेषण शब्दों को रेखांकित कीजिए ।
अनोखी हवा हूँ
बड़ी बावली हूँ
बड़ी मस्तमौला
नहीं कुछ फिकर है
बड़ी ही निडर हूँ ।
उत्तर : विशेषण शब्द – अनोखी, बावली, मस्तमौला, निडर ।
प्रश्न 2, योजक चिह्न (-) इस बात को दर्शाता है कि इसके दोनों ओर के शब्द परस्पर मिले हुए हैं। जैसे- दिन-रात । इस प्रकार के और भी शब्दों को लिखिए ।
उत्तर – घर-बार, हिलाया-डुलाया, बनाया - मनाया, खेत-खलिहान, जानपहचान, खेल-तमाशा, सुबह-शाम, नाच-गान, सुख-दुख, हँसी-मजाक ।
कुछ करने को :
प्रश्न 1. ऋतु से संबंधित किसी कविता का संकलन कर अपनी कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर - संकेत : छात्र ऋतु से सम्बन्धित कविता का संकलन स्वयं करें ।
प्रश्न 2. आप किन किन चिड़ियों को आवाज से पहचान सकते हैं ? उनकी बोली के साथ सूची बनाइए ।
उत्तर-संकेत : छात्र चिड़ियों की एवं उनकी बोली की सूची स्वयं बनाएँ ।
जैसे– कौआ - काँव-काँव, तोता- टें-टें, कोयल-कू-कू आदि ।
प्रश्न 3. वायु को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाये जाने चाहिए। कक्षा में अपने साथियों से चर्चा कीजिए ।
उत्तर - वायु को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अधिक-से-अधिक पेड़पौधे लगाए जाने चाहिए। पेड़-पौधे वायुमंडल को शुद्ध करने में सहायक होते हैं। बड़े-बड़े कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले विषैले धुएँ वायुमंडल को प्रदूषित करते हैं। सड़े-गले कूड़े-कचरे की दुर्गन्ध से भी वायु प्रदूषित होती है। इन सब पर नियंत्रण होना चाहिए।