Bihar Board Class 6 Hindi Kisalya Solutions Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम Text Book Questions and Answers and Summary
Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 7 पिता का पत्र पुत्र के नाम
हिन्दी किसलय भाग 1
अध्याय 7 - पिता का पत्र पुत्र के नाम
- मोहनदास करमचंद गाँधी
प्रश्न और अभ्यास : प्रश्नोत्तर
पाठ से
पिता का पत्र पुत्र के नाम Question Answer
प्रश्न 1. गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को क्या-क्या शिक्षाएँ दी हैं ?
उत्तर — गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से अपने पुत्र को सचरित्र, परिश्रमी,धैर्यवान्, कर्मनिष्ठ, सदगुणी बनने तथा नियमित जीवन व्यतीत करने की शिक्षा देने के साथ-साथ आचार-विचार में सत्य और अहिंसा के प्रयोग की चेष्टा करने की भी शिक्षा दी है।
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प्रश्न 2. गाँधीजी ने असली शिक्षा किसे माना है? उल्लेख कीजिए ।
उत्तर — गाँधीजी ने असली शिक्षा चरित्रनिर्माण तथा कर्तव्यबोध को माना है। उनके कहने का उद्देश्य है कि जो चरित्रवान् एवं कर्मनिष्ठ होता है, वह परिवार, समाज अथवा देश के प्रति पूर्ण समर्पित होता है और अपने दायित्व का निर्वाह सच्चे दिल से करता है। ऐसी शिक्षा प्राप्त करने वालों में मानवता कूट-कूटकर भरी होती है ।
Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 7 Question Answer
प्रश्न 3. गाँधीजी के पत्र के माध्यम से किन तीन बातों को महत्त्वपूर्ण माना गया है ?
उत्तर — गाँधीजी ने पत्र के माध्यम से जिन तीन बातों को महत्त्वपूर्ण कहा है, वे निम्नलिखित हैं:
(i) अपनी आत्मा का, (ii) अपने आपका, (iii) ईश्वर का सच्चा ज्ञान प्राप्त करना ।
गाँधीजी का मानना है कि ये तीन बातें अति महत्त्वपूर्ण हैं। इन्हें प्राप्त कर व्यक्ति संसार के किसी भी कोने में अपना जीवन निर्वाह सहजता के साथ कर सकता है, क्योंकि ऐसा व्यक्ति सचरित्र एवं कर्मठ होता है। वह किसी भी कार्य को कर्तव्य मानकर करता है, इसलिए वह हमेशा शान्त एवं प्रसन्न
रहता है।
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प्रश्न 4. "बा" उपनाम से किन्हें जाना जाता है ?
उत्तर – "बा" उपनाम से कस्तूरबा गाँधी अर्थात् गाँधीजी की पत्नी को जाना जाता है।
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प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के चार विकल्प दिए गए हैं। सही विकल्प के सामने (v) सही का निशान लगाइए ।
(क) गाँधीजी ने अपने जिस पुत्र को पत्र लिखा उसका नाम था :
(i) देवदास गाँधी
(ii) मणिलाल गाँधी
(iii) मोहनदास
(iv) रामदास गाँधी
(ख) गाँधीजी ने यह पत्र कहाँ से लिखा था ?
(i) पटना जेल से
(ii) लखनऊ जेल से
(iii) तिहाड़ जेल से
(iv) प्रिटोरिया जेल से
(ग) गाँधीजी ने यह पत्र कब लिखा ?
(i) 25 मार्च, 1919
(ii) 25 मार्च, 1900
(iii) 25 मार्च, 1909
(iv) 25 मार्च, 1929
उत्तर – (क) (ii), (ख)–(iv), (ग) –(iii).
पाठ से आगे :
प्रश्न 1. आप अपने पिताजी को गाँव/शहर की जीवनशैली के संबंध में एक पत्र लिखिए।
उत्तर : पटना
15.4.2022
पूज्य पिताजी,
सादर चरण स्पर्श ।
कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि आपलोग भी सकुशल होंगे। पाँचवीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद मैं गाँव से यहाँ आया हूँ । यहाँ की जीवनशैली देखकर ऐसा लगता है कि शहर के लोगों का व्यस्त जीवन होता है । इनके पास समय का अभाव होता है। यहाँ हर काम का नियत समय होता है। हर कोई अपने आपकी चिन्ता से ग्रस्त होता है। दूसरों के सुख-दुख से इन्हें कोई.लेना-देना नहीं होता। यानी शहर में गाँव जैसा सामाजिक संबंध नहीं होता । गाँव के लोगों की जीवनशैली में सादगी एवं स्वच्छंदता रहती है। वहाँ के काम में सादापन रहता है। ग्रामीणों में भाईचारे की भावना प्रबल रूप में होती है । इस प्रकार मुझे लगता है कि गाँव की जीवनशैली स्वाभाविक एवं आदर्श पूर्ण होती है जबकि शहरी जीवनशैली कृत्रिम होती है । शेष अगले पत्र में | माताजी को प्रणाम तथा मुन्नी को प्यार
सेवा में, आपका प्रिय पुत्र
श्री हरिप्रसाद कमल
बूढ़ानाथ, भागलपुर
प्रश्न 2. आप अपने गाँव के किसान के बारे में लिखिए।
संकेत: छात्र स्वयं करें ।
प्रश्न 3. क्या हमें पत्र लिखना चाहिए? हाँ तो क्यों ? नहीं तो क्यों नहीं ?
उत्तर – हाँ, हमें पत्र लिखना चाहिए। क्योंकि पत्र-लेखन भी साहित्य की एक विधा है। पत्र-लेखन भाषा के साथ-साथ अभिव्यक्त करने की कला परिपक्व होती है। साथ ही, अनेक प्रकार के पत्र लेखन की कला का सही ज्ञान भी प्राप्त होता है। इसलिए हमें पत्र लिखना चाहिए ।
व्याकरण :
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
उत्तर :
पत्र - आज मेरे छोटे भाई का पत्र आया है ।
शिक्षा - आपने शिक्षा कहाँ तक पाई ?
आश्रम - पहले गुरु के आश्रम में शिक्षा दी जाती थी ।
जिम्मेवारी - अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह ईमानदारीपूर्वक करना चाहिए
महत्त्वपूर्ण - राम महत्त्वपूर्ण कार्य से बाजार गया ।
गरीबी - गरीबी व्यक्ति को कर्मनिष्ठ बनाती है।
आनन्द - आज के खेल में मुझे बहुत आनन्द आया ।
जेल - पुलिस ने चोर को जेल भेज दिया ।
चेष्टा -हर व्यक्ति को अच्छी आदत डालने की चेष्टा करनी चाहिए ।
सुख - अति सुख ही दुख का कारण होता है ।
प्रश्न 2. नीचे लिखे संज्ञाओं के साथ 'पूर्वक' प्रत्यय लगाकर क्रिया-विशेषण बनाइए और उनका अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर :
धैर्य+पूर्वक = धैर्यपूर्वक—दर्शक अटलजी का भाषण धैर्यपूर्वक सुनते थे ।
शांति+पूर्वक = शांतिपूर्वक—व्यक्ति को शांतिपूर्वक जीना चाहिए ।
संतोष+पूर्वक= संतोषपूर्वक—उसने संतोषपूर्वक अपना हिस्सा स्वीकार कर लिया ।
प्रेम+पूर्वक = प्रेमपूर्वक—किसी के साथ प्रेमपूर्वक बात करनी चाहिए।
श्रम+पूर्वक = श्रमपूर्वक—हर व्यक्ति को श्रमपूर्वक धन कमाना चाहिए।
प्रश्न 3. नीचे कुछ भाववाचक संज्ञाएँ दी गई हैं। इससे विशेषण बनाकर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
उत्तर :
महत्त्व = महत्त्वपूर्ण - पिताजी किसी महत्त्वपूर्ण कार्य से
बाजार गए हैं ।
निश्चय = निश्चित - हर बच्चे को निश्चित रूप से स्कूल जाना चाहिए ।
उपयोग= उपयोगी - गाय एक उपयोगी जानवर है ।
सहानुभूति= सहानुभूतिपूर्वक - मनुष्य को सहानुभूतिशील होना चाहिए ।
मानव= मानवीय - महापुरुष मानवीय गुणों से पूर्ण होते हैं।
कुछ करने को :
प्रश्न 1. गाँधीजी के जीवन से संबंधित कुछ मुख्य बातों को अपनी कक्षा में सुनाइए ।
प्रश्न 2. अन्य पत्र जो महापुरुषों द्वारा लिखे गए हैं, संकलन
कीजिए तथा उसे अपनी कक्षा में प्रदर्शित कर शिक्षकों और मित्रों से चर्चा कीजिए ।
संकेत: इस खंड के प्रश्नों का उत्तर छात्र स्वयं तैयार करें ।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. 'पिता का पत्र पुत्र के नाम के लेखक हैं:
(क) गाँधीजी
(ख) जवाहरलाल
(ग) प्रेमचंद
(घ) देवदास
2. पिता ने पत्र लिखा है :
(क) मित्र को
(ख) पुत्र को
(ग) पुत्री को
(घ) भाई को
3. गाँधीजी के छोटे पुत्र का नाम
(क) रामदास
(ख) मणिलाल
(ग) देवदास
(घ) सोहनदास
4. कितनी उम्र के बाद बच्चों को अपने दायित्व का भान होना चाहिए ?
(क) 10 वर्ष
(ख) 12 वर्ष
(ग) 14 वर्ष
(घ) 16 वर्ष
5. संसार में जीवन निर्वाह करने के लिए कितनी बातें महत्त्वपूर्ण हैं ?
(क) 5
(ख) 6
(ग) 3
(घ) 4
6. गाँधीजी ने अमीरी की तुलना में किसे सुखद माना है ?
(क) ग़रीबी
(ख) परिश्रम
(ग) विलासिता
(घ) संगीत
उत्तर : 1. (क), 2. (ख), 3. (ग), 4. (ख), 5. (ग), 6. (क) ।
था :