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Bihar Board Class 3 Hindi Solutions Chapter 2 प्रतीक्षा (इन्तजार )

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Bseb Bihar Board Class 3 Hindi Solutions Chapter 2 प्रतीक्षा (इन्तजार )

Bihar Board Class 3 Hindi path 2 प्रतीक्षा (इन्तजार ) Text Book Question Answer

प्रश्नोत्तर

1. आइए बातचीत करें

प्रतीक्षा (इन्तजार ) Question Answer प्रश्न (क) 

बुद्ध की तरह किसी तपस्वी को क्या आपने देखा-जाना है? उनके बारे में चार बातें बताएँ ।

उत्तर – भगवान बुद्ध की तरह भगवान महावीर के बारे में जानते हैं कि– महावीर का जन्म वैशाली में हुआ था। उन्होंने अहिंसा का ज्ञान दिया। उन्होंने जैन धर्म चलाया। पावापुरी में वे अपना शरीर त्यागे थे।

Bihar Board Class 3 Hindi Book Solutions प्रश्न (ख) 

कोई ऐसी घटना जिससे आपको सीख मिली हो, बताएँ।

उत्तर – हाँ, एक दिन हमें जोरों की भूख लगी थी। माँ से कहा, हमें भूख लगी है। माँ बोली, बेटा, थोड़ा इन्तजार करो, पापा के साथ खाना। कुछ देर में पापा आये। पापा मिठाई लाये । हम पापा के साथ खाना और मिठाई खाये। मन खुश हो गया। इससे सीख मिली कि– प्रतीक्षा करने से मन खुश हो जाता है।

2. अपनी समझ से बताएँ–

प्रतीक्षा (इन्तजार ) Solutons Bihar Board प्रश्न (क) 

इस कहानी का शीर्षक "प्रतीक्षा" है। सोचिए, इसके और क्या शीर्षक हो सकते हैं ?

उत्तर – जीवन और झरना ।

Bihar Board Class 3 Hindi Chapter 2 Solutions प्रश्न (ख) 

इस कहानी में बुद्ध ने आनन्द को क्या समझाने का प्रयास किया ?

उत्तर – इस कहानी में भगवान बुद्ध ने आनन्द को समझाने का प्रयास किया- "जीवन बुरे विचारों से झरना के पानी की तरह गंदा हो जाता है। यदि हम बुरे विचारों को मन में थोड़े समयों के लिए शांत होने तक प्रतीक्षा करें तो बुरे विचार वाला मन जल की तरह स्वच्छ हो जायेगा ।

Class 3 Hindi Bihar Board प्रश्न (ग) 

दैनिक जीवन में आप किसकी प्रतीक्षा करते हैं ?

उत्तर— दैनिक जीवन में हम सवेरा होने की प्रतीक्षा करते हैं, खाने की प्रतीक्षा करते हैं। खेलने के लिए साथी के आने की प्रतीक्षा करते हैं ।

3. पाठ से बताएँ

( क ) आनन्द कहाँ गये थे और क्यों ?

उत्तर - आनन्द के निकट जल लाने गये थे ।

( ख ) झरने का पानी गंदला कैसे हो गया था ?

उत्तर – झरने का पानी बैलगाड़ी के जाने से गंदला हो गया था।

(ग) अन्तिम बार जब आनन्द झरने पर गये तो उन्होंने वहाँ क्या देखा ?

उत्तर—अन्तिम बार जब आनन्द झरने पर गये तो देखा पानी का कीचड़ जमीन पर बैठ गया है तथा जल स्वच्छ हो गया है।

(घ) आनन्द कुल कितनी बार उस झरने पर गए ?

उत्तर- चार बार ।

4. नीचे लिखे वाक्यों को पढ़ें और प्रत्येक वाक्य के लिए खाली खानों में लिखें कि यह वाक्य किसने कहा, किससे कहा और क्यों कहा ?

(क) मैं पीछे छूट गया नदी पर जल लेने जाता हूँ ।

(ख) यदि हम मन की झील के शांत होने तक थोड़ी-सी प्रतीक्षा कर लें तो सब कुछ स्वच्छ हो जाता है।

उत्तर–


वाक्य किसने कहा किससे कहा क्यों कहा
 (क)  आनंद ने   भगवान बुद्ध से   

झरने का पानी

गंदला हो गया

(ख)
  भगवान बुद्ध से
 आनंद से 

प्रतीक्षा का

महत्व बताने के लिए

 
5. इनके अर्थ बताएँ 

वटवृक्ष – बरगद का पेड़

विश्राम – आराम 

भगवान बुद्ध ने

गंदला – गंदा 

प्रतीक्षा – इंतजार 

स्वच्छ – साफ

6. इनके उल्टे अर्थ वाले शब्द बनाएँ–

प्रश्न – पास, छाया, नीचे, लम्बा, गंदला बुरा।

उत्तर- 

पास =दूर
लम्बा = छोटा
गंदला = साफ ।
छाया = धूप
बुरा = भला ।
नीचे = ऊँचे

7. खाली स्थानों को भरें—

(क) महात्मा बुद्ध अपने शिष्यों के साथ जा रहे थे ।

उत्तर- महात्मा बुद्ध अपने शिष्यों के साथ राजगीर जा रहे थे ।

(ख) आनन्द.. से पानी लाने गए ।

उत्तर – आनन्द झरने से पानी लाने गये ।

(ग) झरने का पानी….ने गंदला कर दिया था।

उत्तर – झरने का पानी बैलगाड़ी ने गंदला कर दिया था।

(घ) चौथी बार जाने पर आनन्द…रह गये ।

उत्तर- चौथी बार जाने पर आनन्द हैरान रह गये।

(ङ) पानी….की भाँति चमक रहा था।

उत्तर- पानी आईने की भाँति चमक रहा था।

(च) मन की झील के शांत होने तक थोड़ी-सी…करनी चाहिए।

उत्तर – मन की झील के शांत होने तक थोड़ी-सी प्रतीक्षा करनी चाहिए ।

8. इस पाठ में बैलगाड़ी की चर्चा है। आप और किन-किन सवारियों के नाम जानते हैं ?

साईकिल
मोटरसाईकिल
कार
रेलगाड़ी
वायुयान
घोड़ा गाड़ी
ठेला गाड़ी
ट्रक
ट्रैक्टर
जल जहाज
बस

9. इस पाठ में कुछ नाम आए हैं। उनके नामों को लिखें तथा बताएँ कि वे क्या हैं ?

नाम     –     क्या हैं ?
भगवान बुद्ध - नवें अवतार
राजगीर – तीर्थ-स्थल
वट वृक्ष – बरगद का पेड़
आनन्द – बुद्ध के शिष्य
बैलगाड़ी – एक सवारी
नदी – जल का स्रोत
झड़ना – पहाड़ पर से गिरने वाला पानी का स्रोत
झील – जहाँ पानी जमा रहता है।

किसी व्यक्ति वस्तु के नाम को ही व्याकरण में संज्ञा कहते हैं। ऊपर जो नाम आपने लिखा है, वे 'संज्ञा' के उदाहरण हो सकते हैं।

10. शिष्य आनन्द आपको कैसे लगे ? उनकी जगह आप होते तो क्या करते ?

उत्तर – शिष्य आनन्द हमें गुरु के आज्ञाकारी शिष्य लगे। यदि उनकी जगह हम होते तो पानी के साफ होने तक प्रतीक्षा करते ।

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