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Bihar Board Class 6 Vigyan Adhyaya 11 सजीवों में अनुकूलन Solutions
BSEB Bihar Board Class 6 Science Book Solutions Chapter 11 Sajivo mei Anukulan
अभ्यास के प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1. सजीवों के वास स्थान से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – जीव प्राकृतिक रूप से जिस परिवेश में रहते हैं वह उनका वासस्थान (Habitat) कहलाता है। वास स्थान सम्पूर्ण परिवेश का एक भाग भी हो सकता है। जैसे— बाघ स्थल (जमीन) पर रहने वाला जंतु है। लेकिन यह जमीन पर स्थित जंगल का निवासी है। उसी प्रकार केंचुआ भी स्थलीय प्राणी है। यह गीली या नम मिट्टी में सुरंग बनाकर रहता है।
प्रश्न 2. ऊँट रेगिस्तान में जीवन यापन के लिए किस प्रकार अनुकूलित है ?
उत्तर – ऊँट रेगिस्तान में जीवन यापन करने के लिए अग्रांकित प्रकार से अनुकूलित होते हैं :
(i) उनके पैर गद्दीदार होते हैं जिसके कारण वे आसानी से रेत पर चलते हैं।
(ii) ऊँट के पलकों में लंबी बाल तथा घनी भौंहें होती हैं जो उन्हें रेत और मिट्टी से बचा लेती हैं ।
(iii) उनके कान छोटे-छोटे होते हैं जिनमें आसानी से रेत नहीं जा पाते।
(iv) वे अपनी मर्जी से नाक को खोल या बंद कर सकते हैं ।
(v) ऊँट अपने कूबड़ में भोजन चर्बी के रूप में जमा रखता है जो बुरे वक्त में काम आता है।
(vi) पानी पीये बिना वह कई दिनों तक रह सकता है ।
(vii) ऊँट को पसीना कम निकलता है तथा यह मूत्रत्याग भी बहुत कम करता है।
(viii) इसके अलावे ऊँट के पैर लंबे होते हैं जिनसे उसका शरीर रेत की गरमी से दूर रहता है। इन्हीं सब कारणों से ऊँट रेगिस्तान में जीवन-यापन के लिए अनुकूलित है।
प्रश्न 3. मछली जल में अपने को किस प्रकार अनुकूलित करती है ?
उत्तर – मछली का शरीर धारारेखीय होता है । इसे नौकाकार भी कहते हैं । इनका शरीर चिकने शल्कों से ढँका रहता है । शल्क इनके शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं तथा इनकी विशिष्ट आकृति जल में गति करने में सहायक है । मछली के पक्ष एवं पूँछ चपटे होते हैं जो उसे जल के अंदर दिशा परिवर्तन एवं संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावे मछली में गिल होते हैं जिनकी सहायता से वह जल में घुले वायु से ऑक्सीजन अवशोषित कर लेती है। इस प्रकार मछली अपने को जल में रहने के लिए अनुकूलित करती है ।
प्रश्न 4. पर्वतीय पौधे किस प्रकार अनुकूलित हैं ?
उत्तर- पहाड़ों पर उगने वाले पौधे को पर्वतीय पौधे कहते हैं। पहाड़ों पर सामान्यतः बहुत ठंढ होती है और सर्दियों में तो हिमपात भी होता है पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्ष शंक्वाकार (कीप-जैसा) होता है तथा इनकी शाखाएँ तिरछी होती हैं। इनमें से कुछ वृक्षों की पत्तियाँ सूई के समान होती हैं। इससे
वर्षा का जल एवं हिम आसानी से नीचे की ओर खिसक जाता है। पर्वतों पर इन वृक्षों से अधिक भिन्न आकृति एवं आकार वाले वृक्ष भी मिलते हैं, लेकिन वे सभी अनुकूलित होते हैं ।
प्रश्न 5. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
(क) स्थल पर पाए जाने वाले पौधों एवं जन्तुओं के वास स्थान को___आवास कहते हैं ।
(ख) वे वास स्थान जिनमें जल में रहनवाले पौधे एवं जंतु रहते हैं,___आवास कहलाते हैं ।
(ग) याक का शरीर लंबे___से ढँका होता है।
(घ) मछली का शरीर___होता है जिससे वह जल में आसानी से तैर सकती है।
(ङ) जलीय पौधों का तना___खोखला एवं___होता है।
उत्तर : (क) स्थलीय, (ख) जलीय, (ग) बालों, (घ) धारारेखीय या नौकाकार, (ङ) लम्बा, हल्का ।
प्रश्न 6. मिलान कीजिए:
(क) मछली (क) कूबड़
(ख) ऊँट (ख) धारारेखीय शरीर
(ग) नागफनी (ग) मजबूत खुर
(घ) याक (घ) पहाड़ी जानवर
(ङ) घोड़ा (ङ) कम वाष्पोत्सर्जन
उत्तर : (क) → (ख), (ख) → (क), (ग)(ङ), (घ) →(घ), (ङ) → (ग)।
प्रश्न 7. सही विकल्प चुनें:
(क) ऊँट निम्न परिवेश में पाया जाने वाला जन्तु है :
(1) जलीय
(2) पर्वतीय
(3) मरुस्थलीय
(4) कोई नहीं
(ख) धारारेखीय शरीर होता है :
(1) घोड़े का
(2) भालू का
(3) मछली का
(4) मेढ़क का
(ग) हमें श्वास लेने में कठिनाई होती है :
(1) मैदानी क्षेत्र में
(2) जलीय क्षेत्र में
(3) पर्वतीय क्षेत्र में
(4) रेगिस्तानी क्षेत्र में
(घ) घास-स्थल अथवा वनों का शक्तिशाली जन्तु है :
(1) हिरण
(2) शेर
(3) घोड़ा
(4) ऊँट
(ङ) जलकुंभी पाया जाता है :
(1) जंगल में
(2) पर्वतों पर
(3) जल में
(4) बर्फ में
उत्तर : (क) → (3), (ख) → (3), (ग) → (3), (घ) →(2), (ङ)→(3)
प्रमुख पारिभाषिक शब्द
> अनुकूलन (Adaptation) — जीवों का अपने पर्यावरण से सामंजस्य स्थापित करना अनुकूलन कहलाता है।
> वास - स्थान (Habitat) — जीव प्राकृतिक रूप से जिस परिवेश में रहते हैं वह जीव का वास स्थान है।
> जैव-घटक (Biotic factor component ) – वास स्थल के पौधे, जंतु तथा सूक्ष्मजीव जैव-घटक हैं।
> अजैव-घटक (Abiotic component) – वास स्थानों के निर्जीव पदार्थ – मिट्टी, जल, वायु, प्रकाश, तापक्रम आदि अजैव-घटक हैं ।
> सजीव (Living thing) – जिसमें जान (प्राण) हों, सजीव कहलाते हैं ।
> पर्यानुकूलन (Acclimatization)– पर्वतीय क्षेत्र में अस्थायी रूप से सामंजस्य स्थापित करना ।
> अवशोषण (Absorption)– पौधे मृदा से जल तथा खनिज लवण लेते हैं, जिसे अवशोषण कहते हैं ।
धारारेखीय (Streamline) – मछली का शरीर धारारेखीय या नौकाकार होता है।
> नासा द्वार (Nasal aperture ) — श्वसन के लिए नाक में बने दो द्वारों को नासा द्वार कहते हैं ।
> ऊष्मा (Heat ) — अजैव-घटक है जो सजीवों के लिए आवश्यक है।
> जलीय (Aquatic) — जल में रहने वाले जीव ।
> स्थलीय अनुकूलन (Terrestrial adaptation) — स्थल पर रहने वाले जीवों के विशिष्ट गुण जो उन्हें अपने वास स्थान में रहने में मदद करते हैं।