Bihar Board Class 5 Kopal Hindi Solutions CHAPTER 4 चाँद का कुर्ता
BSEB Bihar Board Class 5 Hindi Book Solutions Chapter 4 चाँद का कुर्ता
4. चाँद का कुर्ता
रामधारी सिंह 'दिनकर'
अभ्यास के प्रश्न एवं उत्तर
चाँद की बात :
Bihar Board class 5 Hindi chapter 4 question answer प्रश्न 1.
चाँद ने ऊन का मोटा झिंगोला सिलवाने की बात क्यों की ?
उत्तर-
चाँद ने ऊन का मोटा झिंगोला सिलवाने की बात इसलिए की, क्योंकि जाड़े की रात में उसे ठिठर-ठिठ्र कर आसमान की यात्रा पूरी करनी पड़ती है। अर्थात ठंड से बचने के लिए ऊन का मोटा झिंगोला तैयार करवाने की बात करता है।
चाँद की माँ को उसका झिंगोला सिलवाने में क्या परेशानी है ?
उत्तर-चाँद की माँ को उसका झिंगोला सिलवाने में यही कि उसका रूप कभी एक-सा नहीं रहता है। उसका आकार सदा घटता-बढ़ता रहता है।
चाँद का कुर्ता Class 5 Question Answer प्रश्न 3.
नगाँद में किस तरह के बदलाव अआते हैं?
उत्तर-चाँद कभी अंगुली बराबर रहता है तो कभी एक फूट मोटा। कृष्णपक्ष में चाँद का आकार छोटा होते-होते अदृश्य हो जाता है जबकि शुक्लपक्ष में बढ़ते-बढ़ते पूर्ण श्वेत गोला बन जाता है।
Bihar board class 5 Hindi book solution chapter 4 प्रश्न 4.
चाँद ने कौन-सी यात्रा पूरी करने की बात की है ?
उत्तर-चाँद ने आसमान की यात्रां पूरी करने की बात की है।
Bihar board class 5 hindi book solutions प्रश्न 5.
आप चाँद के लिए कैसा कुर्त्ता बनाएँगे?
उत्तर- मैं चाँद के लिए ऐसा कु्ता बनवाएँगे, जो सब दिन काम आए।
"न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का।'
कविता की इस पंवित में रेखांकित शब्द 'भाड़े का' का अर्थ है-किराए का।
Bihar board class 5 Hindi book solutions chapter 2 प्रश्न 1.
क्या आपने कभी कोई चीज़ भाड़े पर ली है ? कौन- कौन- सी, बताइए।
उत्तर-हां; मैंने कुर्सी-टेबुल, जेनेरेटर, बिछावन आदि भाड़े पर ली हैं ।
Bihar board class 5 hindi book question answer प्रश्न 2.
किराए पर चीजें क्यों ली जाती हैं?
उत्तर-किराथे पर कोई वस्तु तब ली जाती है जब वह वर्त् व्यक्ति के पास नही होती। आवश्यकता की पूर्ति के लिए कोई वस्तु भाड़े पर ली जाती है।
Bihar Board Class 5 Hindi प्रश्न 3.
आप अपनी जरूरत की कौन-कौन-सी चीजें किराए पर ले सकते हैं ? घेरा लगाइए :
कॉपी
पसिल
कुर्ता
किताब
कंबल
रोटी
कंघा
बस्ता
जूता
उत्तर-कुता, किताब, कंबल, मकान, जूते।
Kopal hindi book class 5 solutions प्रश्न 4.
किन्हीं पाँच चीजों के नाम बताइए जो किराए पर नहीं
ली जा सकतीं :
उत्तर- ईमानदारी, चरित्र, व्यवहार, स्वभाव, कर्मठता।
चाँद का कुर्ता Solutions प्रश्न 5.
चाँद ने भाड़े पर कुर्ता लाने की बात क्यों की?
की, व्योंकि उसे
उत्तर-चाँद ने भाड़े पर कुृर्ता लाने की बात इसलिए
ठंडी रातों में आसमान की यात्रा करनी पड़ती थी।
चाँद का कुर्ता Solution प्रश्न 6.
चाँद के लिए भाड़े पर कितने कुर्ते लाने की जरूरत पड़ेगी?
उत्तर-चाँद के लिए 29 कर्ते लाने की जरूरत पड़ेगी ।
चंदा मामा दूर के :
प्रश्न 1. 'एक नाप में कभी नहीं तुझको देखा करती हूँ।' क्या चाँद की माँ की यह बात ठीक है ? कैसे ?
उत्तर-चाँद की माँ का कहना बिल्कुल ठीक है, क्योंकि चाँद का आकार कृष्णपक्ष में घटता है तथा शुक्लपक्ष में बढ़ता है। यानी चाँद का रूप नित्य बदलता रहता है।
प्रश्न 2. 'घटता-बढ़ता रोज़ किसी दिन ऐसा भी करता है, नहीं किसी को भी औँखों को दिखलाई पड़ता है।'
चाँद के घटने-बढ़ने पर जो उसका आकार बनता है उसे चाँद की कलाएँ कहते हैं। नीचे चाँद की कलाएँ दी गई हैं। इन्हें ध्यान से देखिए और चाँद के घटने-बढ़ने से पूर्णिमा, अमावस्या को समझिए।
उत्तर-प्रत्येक महीने के प्रथम पक्ष को कृष्ण पक्ष कहते हैं। इस पक्ष में चाँद का आकार घटता है और अमावस्या के दिन चाँद बिल्कुल गायब हो जाता है। लेकिन शुक्ल पक्ष की द्वितीया से चॉद का आकार बढ़ता जाता है और पूर्णिमा के दिन इसका पूर्ण गोलाकार रूप दिखाई देता है।
बातचीत के लिए :
प्रश्न 1. चाद की माँ उसे 'सलोने' कहकर बुलाती है। आपको लोग क्या कहकर बुलाते हैं?
उत्तर :
व्यक्ति - बुलाने का नाम
माँ- संटू
पिताजी - मोहन
बहन- छोटू
भाई- अंशु
दोस्त- अंशु
प्रश्न 2. "बच्चे की सुन बात कहा माता ने, अरे सलोने।
कुशल करे भगवान, लगे मत तुझको जादू-टोने।’
चांद की मां यह प्रार्थना करती है कि भगवान उसके बच्चे की
रक्षा करें, उसे जादू-टोने से बचाए रखें। क्या आपकी माँ, दादी, नानी या और भी आपके लिए ऐसी प्रार्थयना करते हैं ? लिखिए :
उत्तर-
कौन करता है? क्या कहता है?
मां मेरा बेटा सदा हँसता रहे।
दादी मेरे बच्चे को भगवान लंबी आयु दें ।
नानी मेरा नाती नहाते बाल न दूे।
मामी मेरे बापू को भगवान महान बनावें
प्रश्न 3. आपके अनुसार जादू-टोना क्या है?
उत्तर -मेरे अनुसार जादू-टोना बुरी नज़र है।
प्रश्न 4. क्या ऐसी बातों पर विश्वास करते हैं? क्यों?
उत्तर-ऐसी बातों पर मैं विश्वास नहीं करता, क्योंकि अच्छा-बुरा सब कुछ कर्म के अनुसार व्यक्ति को मिलता है।
प्रश्न 5. क्या आपके परिवार के सदस्य ऐसी बातों पर विश्वास
करते हैं? क्या आप उनसे सहमत हैं?
उत्तर-मेरे परिवार के लोग इन बातों पर विश्वास नहीं करते हैं । उनका मानना है कि यह मन का भ्रम है। मैं उनके इस विचार से पूर्ण सहमत हूँ ।
भाषा के रंग:
प्रश्न 1. 'जाड़े-भाड़े' शब्दों की लय समान है। आप इन शब्दों
के समान लय वाले शब्द लिखिए :
उत्तर :
(क) झिंगोला-भिंगोला
(ख)बात-पात
(ग) ऊन--खून
(घ) हवा-तवा
प्रश्न 2. नीच दिए गए वाक्यों को ध्यान से पढ़िए :
ठिठुर कर यात्रा पूरी करता हूँ।
ठिहर-ठिहरकर यात्रा पूरी करता हूँ ।
दोनों वाक्यों में ठंड लगने की बात की गई है।
(क) फिर कवि ने "ठिदुर' और 'ठिदुर -ठिठुरकर' का अलग-
अलग प्रयोग क्यों किया है?
(ख) किस वाक्य में ज्यादा ठंड लगने की बात है?
यहाँ एक ही शब्द एकसाथ दो बार प्रयोग करने से उसके
अर्थ में तीव्रता आती है। यानी उस पर बल पड़ता है। वह
'बहुत' के अर्थ में आया है।
(ग) अब अप नीचे दिए गए वाक्यों को पढ़िए और बताइए कि
वाक्य का रेखांकित अंश क्या अर्थ दे रहा है ?
(क) पत्ते जोर से हिल रहे थे।
पत्ते जोर-जोर से हिल रहे थे।
(ख) अरे बच्चो ! जल्दी चलो।
अरे बच्चो! जल्दी-जल्दी चलो।
(ग) देखो, बच्चा बाल्टी उठा रहा है।
देखो-देखो बच्चा बाल्टी उठा रहा है।
उत्तर :
(क) 'जोर से का अर्थ, पत्ते तेजी से हिल रहे थे। 'जोर-जोर से' का तात्पर्य है-बहुत तेजी से।
(ख) 'जल्दी ' का अर्थ शीघता से है । 'जल्दी-जल्दी' का अर्थ अति शीघ्रता से है।
(ग) 'देखो' का अर्थ सामान्य रूप से देखना है।
देखो-देखो' में आश्चर्य का भाव प्रकट हो रहा है।
प्रश्न 3. 'घटता-बढ़ता रोज़ किसी दिन ऐसा भी वकरता है' पंक्ति सें 'घटता-बढ़ता' शब्द जोड़ा है जिसमें चाँद को घटने और बढने की बात की गई है । दोनों शब्द एक-दूसरे का विपरीत अर्थ देते हैं। नीचे -दिए ए शब्द-जोड़ों को पूरा कीजिए।
उत्तर :
(क) ऊपर - नीचे
(ख) अंदर- बाहर
(ग) ठंडा- गर्म
(घ) कम -ज्यादा
(ड) आना- जाना
(च) दिन- रात
प्रश्न 4. चाँद पर आधारित नीचे दी गई कविता को भी पढ़िए :
गोल हैं खुब मगर
हमको बुद्ध ही निरा समझा है!
आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा।
हम समझते ही नहीं जैसे कि
आप पहने हुए हैं कुल आकाश
आपको बीमारी है :
तारों-जड़ा;
आप घटते हैं तो घटते ही चले
जाते हैं, और बढ़ते हैं तो बस यानी कि
सिर्फ़ मुँह खोले हुए हैं अपना
गोरा-चिद्टा
बढ़ते ही चले जाते हैं :
दम नहीं लेते हैं जब तक विलकुल
अपनी पोशांक को फैलाए हुए चारों सिम्त' । ही गोल न हो जाएँ,
आप कुछ तिरछे नज़र आते हैं जाने कैसे
बिलकुल गोल।
-खूब हैं गोकि
यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं
होने में ... आता है।
वाह जी, वाह !
-शमशेर बहादुर सिंह
1. सिम्त = दिशा।
आपकी कलम और कल्पना :
प्रश्न 1. 'चाँद का कुर्ता' कविता को कहानी के रूप में लिखिए।
उत्तर-
एक बार चाँद ने अपनी माँ से ऊन का कुर्ता सिलवा देने को कहा। क्योंकि उसे ठंड के कारण जाड़े की रात में आसमान की यात्रा करना अति कष्टदायक महसूस होता है। इसलिए कोई भाड़े का ही कुर्ता ला दो, ताकि जाड़े के कष्ट से बच सकूँ । तब माँ ने बेटे की बात सुनकर कहा कि तुम्हारा कहना ठीक है । लेकिन तुम कभी एकसमान नहीं रहते। तुम्हार आकार सदा घटता-बढ़ता रहता है। इसलिए कुर्ता बनवाना संभव नहीं है । मैं चाहती हूँ कि तुम्हारे लिए ऐसा कुर्ता बनवाऊँ, जो तुम हर दिन पहन सको ।
प्रश्न 2. आप भी चाँद पर अपनी एक कविता बनाइए।
उत्तर-संकेत : छात्र स्वयं लिखें ।