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Bihar Board Class 7 Hindi Kisalya Solutions Chapter 17 सोना

Bihar Board Class 7 Hindi Kisalya Solutions Chapter 17 सोना Text Book Questions and Answers and Summary

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 17 सोना

प्रश्न और अभ्यास : प्रश्नोत्तर
पाठ से :
 
Sona Class 7 Question Answer प्रश्न 1. 
महादेवी वर्मा को अपना निश्चय क्यों बदलना पड़ा?
उत्तर – महादेवी वर्मा को अपना निश्चय इसलिए बदलना पड़ा क्योंकि जब स्वर्गीय धीरेन्द्र नाथ बसु की पौत्री ने लिखा कि उसे अपने पड़ोस में एक हिरण मिला है और अब उसे घूमने-फिरने के लिए विस्तृत मैदान की आवश्यकता है जो आपके यहाँ उपलब्ध है। यदि आप इसे स्वीकार कर लेंगी तो मैं आपकी आभारी रहूँगी । मैं इसे उस व्यक्ति को सुपुर्द करना चाहती हूँ जो उसे स्नेहपूर्वक पाले । मुझे विश्वास है कि आपके यहाँ इसकी भलीभाँति देखभाल होगी। पशुओं के प्रति अपने स्वाभाविक स्नेहवश इन्कार न कर सकीं । इसलिए लेखिका को अपना निश्चय बदलना पड़ा। क्योंकि लेखिका ने सोना की मृत्यु के बाद निश्चय किया था कि अब हिरण नहीं पालूँगी।


Sona Questions and Answers प्रश्न 2. 

सोना के दिनभर के कार्यकलाप को अपनी भाषा में लिखिए।
उत्तर - सोना के दिनभर का कार्यकलाप निश्चित एवं विलक्षण था । वह दूध पीने तथा भींगा चना खाने के बाद लेखिका के आवास के प्रांगण में चौकड़ी भरती और उसके बाद छात्रावास का निरीक्षण करने चल देती । जलपान अध्याय के बाद सोना घास के मैदान में पहुँचती । वह घास के मैदान में कभी दूब चरती तो कभी उस पर लोटती । उसके बाद भोजन के समय लेखिका के पास खड़ी रहती और फिर छलांग लगाकर उन्हें प्रफुल्लित करती । अक्सर वह फ्लोरा के बच्चों को भी लेकर घूमने निकलती । लेखिका उसके विशेष स्नेह की हकदार थी, इसलिए वह कभी उनके सिर के ऊपर छलांग लगाती तो कभी उनके आँचल का पल्लू और चोटी मुँह में ले लेती । रात में लेखिका के विछावन के पास आ जाती और सारी रात गुजारती थी ।


प्रश्न 3. सोना को छोटे बच्चे क्यों अच्छे लगते थे ?
उत्तर – सोना को छोटे बच्चे इसलिए अच्छे लगते थे, क्योंकि उनके साथ खेलने का अधिक अवकाश रहता था । वे पंक्तिबद्ध खड़े होकर सोना-सोना पुकारते और सोना उनके ऊपर से छलाँग लगाकर एक ओर से दूसरी ओर कूदती रहती थी । दूसरी बात पशुओं में मनुष्य की भावनाओं को पहचानने
की शक्ति होती है । वह स्नेहप्रिय होता है। छोटे बच्चे स्नेहप्रिय एवं निश्छल होते हैं। इसी निश्छलता, स्नेह तथा खेल के साथी होने के कारण सोना को छोटे बच्चे अच्छे लगते थे ।


प्रश्न 4. भाव स्पष्ट कीजिए:
(क) जब मृत्यु इतनी अपवित्र और असुंदर है, तब उसे बाँटते घूमना क्यों अपवित्र और असुंदर कार्य नहीं है ।
संकेत : पृष्ठ 30 पर व्याख्या संख्या - 1 देखें ।
 
(ख) पशु, मनुष्य के निश्छल स्नेह से परिचित रहते हैं, उसकी ऊँची-नीची सामाजिक स्थितियों से नहीं ।
भाव – प्रस्तुत गद्यांश महादेवी वर्मा के रेखाचित्र 'सोना' से उद्धृत है। इसमें लेखिका ने स्नेह की महत्ता पर प्रकाश डाला है। लेखिका का मानना है कि पशुओं में मनुष्यों की भावनाओं को पहचानने की क्षमता होती है। वह उसके व्यवहार से जान जाता है कि कौन उसका हितैषी है। वह अपने प्रेमी के साथ वैसा ही व्यवहार करता है जैसा व्यवहार लोग उसके साथ करते हैं । वह प्रेम का भूखा होता है, इसलिए उसमें भेदभाव की भावना नहीं होती । वह ऊँच तथा नीच भावना से ग्रस्त नहीं होता । वह यह नही जानता कि उसके सामने वाला मनुष्यं ऊँची जाति या हैसियत का है अथवा नीची जाति या हैसियत का । इसलिए लेखिका कहना चाहती है कि जीवन में सामाजिक स्थिति का नहीं बल्कि निश्छल प्रेम अथवा भावना का महत्त्व होना चाहिए ।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1. सोना के सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए ।
उत्तर – लेखिका के यहाँ सोना दूधमुँही अवस्था में लाई गई थी; लेकिन समय बीतने के साथ उसके रूप में परिवर्तन होने लगा । साल बीतते उसके पीले-पीले रोएँ कुछ गाढ़े हो गए। उसमें ताँबें - सी चमक आ गई । अब सोना सचमुच सोना-सी हो गई । उसकी पीठ में भराव आ गया तथा टाँगे सुडौल हो गई । खुरों में कालेपन की चमक आ गई। गर्दन लचीली हो गई और आँखों में अकस्मात् आकर्षण आ गया । काली रेखाओं के बीच उसकी नीली-चमकीली दृष्टि बिजली की बल्बों सी चमकने लगी । फलतः उसकी सुन्दरता सबको अपनी ओर आकृष्ट करने लगी ।
प्रश्न 2. पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए आप क्या-क्या उपाय करेंगे ?
उत्तर – पशु-पक्षियों की सुरक्षा के लिए हम लोगों को यह बताएँगे कि पशु-पक्षी भी हमारी तरह इस सृष्टि के अंग हैं। इनके बिना सृष्टि का सौंदर्य बिगड़ जाएगा। इन्हें मारने के बदले इसकी रक्षा का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि ईश्वर ने हमारी भलाई के लिए ही इनका सृजन किया होगा। साथ ही, इनकी सुरक्षा के लिए कानून पास कराएँगे कि इन पशु-पक्षियों के मारने वालों को विभिन्न प्रकार के दंड दिए जाएँगे। इस प्रकार हम इन पशु-पक्षियों की सुरक्षा का उपाय करेंगे ।
प्रश्न 3. क्या होता यदि :
(क) हिरन के तीन-चार दिन के बच्चे को लेखिका के पास न लाया जाता।
उत्तर – यदि हिरण के छोटे बच्चे को लेखिका के पास नहीं लाया जाता तो वह मर जाता ।
(ख) हेमंत वसंत और फ्लोरा सोना से दोस्ती न करते ।
उत्तर – हेमंत, वसंत और फ्लोरा सोना से दोस्ती न करते तो उसे आनन्दोत्सव मनाने का अवसर नहीं मिलता ।
(ग) लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा पर न जाती ।
उत्तर – यदि लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा पर न जाती तो सोना नहीं मरती ।
 
व्याकरण:
 
प्रश्न 1. व्यंजनों के प्रत्येक वर्ग के नासिक्य व्यंजन को अनुस्वार (-) प्रकट करता है जबकि अनुनासिक ( ँ) स्वर का गुण है। पाठ में आए पाँच अनुनासिक और पाँच अनुस्वार शब्दों की सूची बनाइए ।
उत्तर :
अनुनासिक — अनुस्वार
(क) रोएँ (क) अंतर
(ख) आँख (ख) अंग
(ग) छात्राएँ (ग) रंग
(घ) अँधेरी (घ) घंटी
प्रश्न 2. इन वाक्यों में रेखांकित शब्दों के कारक चिह्न की पहचान कीजिए ।
(क) मैंने निश्चय किया कि अब हिरन नहीं पालूँगी।
(ख) जिसमें उस के लिए स्नेह छलकता था।
(ग) गोधूली कूदकर मेरे कंधे पर आ बैठी ।
(घ) हिरन शेर से डरता है ।
(ङ) अरे, यह तो बहुत सुंदर है।
(च) मेरी दृष्टि सोना को खोजने लगी ।
उत्तर – (क) कर्ताकारक, (ख) संप्रदान कारक, (ग) अधिकरण कारक, (घ) अपादान कारक, (ङ) संबोधन कारक, (च) कर्मकारक ।
प्रश्न 3. कई बार दो शब्द मिलकर भी एक शब्द बनाते हैं, जैसे:
छात्र + आवास = छात्रावास । इस प्रकार कुछ शब्द बनाइए ।
उत्तर : ग्रीष्म+ अवकाश = ग्रीष्मावकाश
विद्या + आलय = विद्यालय
चिकित्सा + आलय = चिकित्सालय
पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
मदिरा + आलय = मदिरालय

गतिविधि :
 
प्रश्न 1. महादेवी वर्मा द्वारा रचित पुस्तक 'मेरा परिवार' से उनके पालतू पशु-पक्षी के शब्द चित्रों की जानकारी प्राप्त कीजिए ।
संकेत : यह परियोजना कार्य है। छात्र स्वयं करें ।
प्रश्न 2. अधिक-से-अधिक लोग पशु-पक्षियों से प्रेम करें, इस पर कोई छोटी सी कविता या निबंध लिखिए
संकेत : यह परियोजना कार्य है। छात्र स्वयं करें ।

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