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Bihar Board Class 7 Hindi Kisalya Solutions Chapter 11 कबीर के दोहे

Bihar Board Class 7 Hindi Kisalya Solutions Chapter 11 कबीर के दोहे Text Book Questions and Answers and Summary

Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 11 कबीर के दोहे

प्रश्न और अभ्यास : प्रश्नोत्तर

पाठ से :

 

प्रश्न 1. पठित पाठ के आधार पर निम्नांकित कथनों पर सही (✓) या गलत (x) का निशान लगाइए ।

(क) प्रेम की भाषा बोलने वाला ही पंडित होता है ।

(ख) निन्दा करने वालों को दूर रखना चाहिए ।

(ग) कोई भी बात सोच-समझकर बोलनी चाहिए ।

(घ) सज्जन व्यक्ति टूटता-जुड़ता रहता है जबकि दुर्जन व्यक्ति

टूटता है तो फिर जुड़ता नहीं ।

 

उत्तर – (क) सही, (ख) गलत, (ग) सही, (घ) सही) ।


Kabir ke Dohe Class 7 Question Answer प्रश्न 2.

पठित पाठ में कौन सा दोहा आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों ?

 

उत्तर – प्रस्तुत पाठ का दूसरा दोहा मुझे अच्छा लगा, क्योंकि इसमें संतोष के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया है। कबीर ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि संतोष सारे सुखों का मूल है। संतोषी व्यक्ति विषम परिस्थिति में भी अधीर नहीं होता । अधीर तो वह होता है जो असंतोषी है । इसी कारण कबीर ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि मुझे उतना धन दो, जिससे मैं अपने

बंधुओं तथा घर आए साधु-सज्जनों का सेवा सत्कार कर सकूँ ।


Kabir ke Dohe Questions and Answers प्रश्न 3.

हमें काम को कल के भरोसे क्यों नहीं टालना चाहिए ?

 

उत्तर – कबीर की सलाह है कि हमें किसी भी शुभ काम को अविलंब कर लेना चाहिए । देरी करने पर काम होने में संदेह उत्पन्न हो सकता है । क्योंकि जब मनुष्य का जीवन ही अनिश्चित है तब भविष्य में कब, क्या होगा ? कहना सर्वथा असंगत है। दूसरी बात, काम टालनेवाला कभी जीवन में सुख

नहीं पाता है। ऐसा व्यक्ति सदा अशांत रहता है। कल किसी का नहीं होता, इसलिए अवसर हाथ आते ही उसे कर लेने में भलाई है ।


प्रश्न 4. कबीर के उस दोहे का उल्लेख कीजिए, जिसमें सज्जन, साधुजन और सोने की तुलना एक ही संदर्भ में की गई है ।

 

उत्तर : सोना, सज्जन, साधुजन, टूटे जुरै सौ बार ।

दुर्जन, कुंभ-कुम्हार के, एकै धका दरार ॥


पाठ से आगे :

 

प्रश्न 1. “कबीर के दोहे जीवनोपयोगी एवं व्यावहारिक शिक्षाओं से भरे पड़े हैं।'' पाठ के आधार पर इस कथन को स्पष्ट कीजिए।

 

उत्तर – कबीर यथार्थवादी एवं स्पष्टवादी कवि थे। इन्होंने अपने दोहे में जीवन के व्यावहारिक पक्ष पर जोर दिया है। इससे व्यक्ति में परिपक्वता आती है। फलतः उसमें मानवता विकास पाता है और व्यक्तित्व निखरता है | संसार ऐसे व्यक्ति से संदेश ग्रहण करता है । इसीलिए कबीर ने समय, सज्जन आदि के महत्त्व को जानने-समझने की सलाह दी है ।


प्रश्न 2. कबीर के दोहे का अध्ययन करने के पश्चात् उनके

व्यक्तित्व के बारे में कल्पना कीजिए एवं लिखिए ।

 

उत्तर – कबीर संत कवि तथा सच्चाई के आग्रही थे । उनका उद्देश्य जीवन की सच्चाई को उद्घाटित करना था । वे अक्खड़ स्वभाव के थे, इसलिए उन्होंने जो कुछ कहा है, कटु शब्दों में कहा है। वे निर्भीक, कटुवादी, सत्यप्रिय तथा सारे आडम्बरों के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने लोगों को वही बताया जो उन्हें

जीवनोपयोगी जान पड़ा । उनका विचार पूर्ण व्यावहारिक एवं यथार्थवादी है।


व्याकरण:

 

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए :

उत्तर :

 

(क) परले - प्रलय

(ख) नियर -नजदीक

(ग) बहुरि – दुबारा

(ग) आखर - अक्षर


प्रश्न 2. कुछ ऐसे शब्दों का संग्रह कीजिए, जिसमें 'जन' लगा हो । 

जैसे— दुर्जन, जनतंत्र ।

 

उत्तर – सज्जन, साधुजन, बंधुजन, ज्ञानीजन जनमानस, हरिजन, भजन, प्रेमीजन ।


प्रश्न 3. दोहे की दी गई पंक्तियों को नीचे दिए गए उदाहरण के

अनुसार बदलकर लिखिए ।

उदाहरण: जाति न पूछो साधु की

साधु की जाति न पूछो।

(क) "मोल करो तलवार का "

(ख) "बुरा जो देखन मैं चला"

 

उत्तर : (क) तलवार का मोल करो ।

(ख) मैं जो बुरा देखने चला ।


गतिविधि

 

प्रश्न 1. कबीर की भाँति अन्य कवियों ने भी उपदेशात्मक दोहे

लिखे हैं। उनके कुछ दोहों को साफ-साफ बड़े अक्षरों में लिखकर अपनी कक्षा में दीवार पर चिपकाइए ।

प्रश्न 2. 'कबीर एक समाज सुधारक थे ।' इस विषय पर अपने

शिक्षक, अभिभावक एवं सहपाठियों से चर्चा कीजिए ।

संकेत: इस खंड के प्रश्नों का उत्तर छात्र स्वयं तैयार करें ।

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