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Madhya Pradesh Board Class 5 Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 10 नीति के दोहे

In this article, we will share MP Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 नीति के दोहे Pdf, These solutions are solved subject experts from the latest edition books.

MP Board Class 5th Hindi Bhasha Bharti Solutions Chapter 10 नीति के दोहे

अभ्यास
बोध प्रश्न

Niti ke Dohe Class 5 Questions and Answers Q.1.  

निम्नांकित शब्दों के अर्थ पुस्तक में दिए शब्दकोश से खोजकर लिखिए
ताहि -
का को
वाको -
कागा
साँच
कासों -
तोको
साँच
जदपि
जड़मति
उद्यम
सिला
अपावन
करुए
कंचन -
पौन

उत्तर −
ताहि - उसको
काको- किसका
वाको - उसको 
कागा- कौआ 
साँच- सच
कासों - किससे 
तोको- तुमको
साँच- सच
जदपि- यादपि 
जड़मति- मूर्ख
उद्यम- परिश्रम 
सिला - पत्थर
अपावन - अपवित्र 
करुए - कड़वे 
कंचन - सोना
पौन - हवा

Niti Ke Dohe Question Answer Q.2. 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) कवि ने सत्य को किसके बराबर बताया है ?
उत्तर - कवि ने सत्य को तप (तपस्या) के बराबर बताया है।

(ख) कवि ने झूठ को पाप क्यों कहा हैं ?
उत्तर - उत्तम विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है यदि वह किसी भी नीच व्यक्ति के पास जाकर ग्रहण करने पड़े तो उसे लेनी चाहिए।

(ग) रस्सी शिला पर कैसे निशान बना देती है ?
उत्तर - बार-बार घिसने से रस्सी शीला पर निशाना बना देती है।

(घ) कोयल और कौआ की बोली में क्या अन्तर है ?
उत्तर - कोयल मीठा बोलकर सारे जग को अपना बना लेती है परंतु कौवे की कर्कश आवाज सुनकर लोग उसको भगा देते हैं यही दोनों की बोली में अंतर है।

(ङ) कवि ने दुर्जनों को दण्डित करने के लिए क्या कहा है और क्यों?
उत्तर - कभी नहीं दुर्जनों के साथ खीरे जैसे व्यवहार करने को कहा जैसे खीरो के सिर पर काटकर उसे नमक से घिसकर उसके कर्बराहट निकाल देती है उसी प्रकार दुर्जनों के साथ व्यवहार करना चाहिए।

3. कविता की पंक्तियों के अर्थानुसार सही जोड़ी बनाइए
कविता की पंक्ति — आशय
(क) जो तोको काँटा बुवै - बार-बार के अभ्यास करने से मूर्ख भी विद्वान बन सकते हैं।
(ख) करत करत अभ्यास के - जैसे पंखा से हवा मिलती है
(ग) ज्यों पंखा की पौन - मीठा बोलने से चारों ओर सभी प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।
(घ) मुझ सा बुरा न कोय - मेरे समान कोई बुरा नहीं है।
(ङ) तुलसी मीठे वचन तें - जो तुझे काँटा बोता है।
उत्तर -
(क) जो तोको काँटा बुवै - जो तुझे काँटा बोता है।
(ख) करत करत अभ्यास के - बार-बार के अभ्यास करने से मूर्ख भी विद्वान बन सकते हैं।
(ग) ज्यों पंखा की पौन - जैसे पंखा से हवा मिलती है
(घ) मुझ सा बुरा न कोय - मेरे समान कोई बुरा नहीं है।
(ङ) तुलसी मीठे वचन तें - मीठा बोलने से चारों ओर सभी प्रसन्नता का अनुभव करते हैं।

प्रश्न 4 नीचे लिखे वाक्यों के सामने कुछ विकल्प दिए है। उनमें से सही विकल्प चुनिए
(क) ईश्वर किसके हृदय में वास करता है? (ईमानदार/सत्यवादी/खिलाड़ी)

(ख) मूर्ख कब चतुर बन जाता हैं?
(निरन्तर पढ़ने से काम करने से/निरन्तर अभ्यास से)

(ग) कोयल का महत्व क्यों है ?
(सुन्दरता से/मीठीवाणी से/तेज उड़ान से)

(घ) विद्या और धन कब प्राप्त हो सकता है।
(उद्यम करने/योजना बनाने / भाग्य से)
उत्तर -
(क) सत्यवादी

(ख) निरन्तर अभ्यास से

(ग) मीठीवाणी से

(घ) उद्यम करने

भाषा अध्ययन

1. निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध उच्चारण कीजिए
काँटा, आँच, अभ्यास, विद्या, उद्यम, ठौर

2. निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी मानक रूप लिखकर तालिका बनाइए
साँच, हिरदे, तिरसूल, करुए, सजाय, दीखा,पौन,जदपि
शब्द — हिन्दी मानक शब्द
साँच - सत्य
हिरदे - हृदय 
तिरसूल - त्रिशूल 
करुए - कड़वे 
सजाय - दंड 
दीखा - दिखा
पौन - हवा
जदपि - यादपि 

जानिए- कविता की दो पंक्तियों के अन्त में समान वर्ण आने की स्थिति तुक कहलाती है। उससे कविता में सुन्दरता आ जाती है। यहाँ दोहों में यही स्थिति है
साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप ।
जावे हिरदे साँच है, ताके हिरदे आप
यहाँ पहली पंक्ति के अंत में पाप तथा दूसरी पंक्ति के अन्त में 'आप' शब्द तुकान्त का बोध करा रहे हैं।

3. नीति के दोहे पाठ में प्रयुक्त तुकान्त शब्दों की एक तालिका बनाइए−
आप पाप
फूल - तिरसूल

4. नीचे बने चित्रों में बीच के गोले में लिखे शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखे है। इनमें एक शब्द गलत है, इसे पहचान कर गोला लगाइए
नयन नेत्र कान चक्षु
पेड़ तरु लता 
जल नीर पानी जलज्
रानी नरेश राजा
सुत बेटी पुत्र बेटा

उत्तर -
कान
लता
जलज
बेटी
रानी

6. नीचे दिए गए विशेषण शब्दों को संज्ञा शब्दों में परिवर्तित कीजिए
जैसे- भला से भलाई
विशेषण शब्द — संज्ञा शब्द
1) साँच (सच्चा)
2) बुरा
3) मीठा
4) चतुर
उत्तर -
विशेषण शब्द — संज्ञा शब्द
1) साँच (सच्चा) - सचाई 
2) बुरा - बुराई
3) मीठा - मिठाई 
4) चतुर - चतुराई 

योग्यता विस्तार
1. अपने विद्यालय की पाठशाला में बालसभा के आयोजन के समय दोहों का सस्वर वाचन कीजिए।
2. तुलसी की रामचरित मानस से कुछ शिक्षाप्रद दोहे और चौपाई छाँटकर याद कीजिए तथा कागज पर पर सुलेख में लिखकर कक्षा में दीवारों पर लगाइए।
3. इस पाठ में आए दोहों में जिन नैतिक मूल्यों की और संकेत किया गया है, उनकी सूची बनाइए तथा कक्षा में चर्चा कीजिए ।

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